*श्री राधे श्याम*
मित्रो,
*श्रीजी के चरणारविन्दों में हमें सकल ब्रह्माण्ड नायक त्रिलोकी नाथ भगवान प्यारे श्याम सुन्दर की प्राप्ति होती है !
*हमारी प्रिया श्री राधिका जी सहज ही
अपनी अहैतुकी कृपा से हमें
परम दुर्लभ,नित्य-अगोचर,अपरम्पार,ब्रह्म को
मधुर नीलमणि भक्त-चित चोर
प्यारे घनश्याम यसुमति-नंदन कृष्ण-कन्हैया
श्री राधिका वल्लभ के रूप में सुलभ करा देती हैं !
अपनी अहैतुकी कृपा से हमें
परम दुर्लभ,नित्य-अगोचर,अपरम्पार,ब्रह्म को
मधुर नीलमणि भक्त-चित चोर
प्यारे घनश्याम यसुमति-नंदन कृष्ण-कन्हैया
श्री राधिका वल्लभ के रूप में सुलभ करा देती हैं !
*यही कारण है कि प्रत्येक श्रीकृष्ण भक्त की
स्वामिनी-गुरु-आधार-भक्ति-एवं प्रेमरस
प्रिया श्री ब्रषभानु नंदिनी-श्री कीरति तनया-नित्य किशोरी-
श्यामा प्यारी- श्री कृष्ण प्रिया जी श्री राधिका जी होती हैं ! *विभिन्न भक्तों ने प्रिया जी के प्रति
विभिन्न मन भावन निवेदन प्रस्तुत किये हैं -
विभिन्न मन भावन निवेदन प्रस्तुत किये हैं -
*आइये प्रेम एवं श्रृद्धा-भक्ति-भाव के साथ
श्री श्यामा-श्याम चरण-कमलों को चित्त में धारण करते हुए ,
भक्त उद्गारों का आनंद लें--
श्री श्यामा-श्याम चरण-कमलों को चित्त में धारण करते हुए ,
भक्त उद्गारों का आनंद लें--
!! राधे-राधे !!
नन्दलाला के लंगोटिया यार भक्तवर रसखान जी जिनका एक ही मनोरथ है कि उन्है (रसखानजी को)
मनुष्य-पशु-पक्षी-वृक्ष-पत्थर कोई भी योनि में जन्म मिले बस -
मनुष्य-पशु-पक्षी-वृक्ष-पत्थर कोई भी योनि में जन्म मिले बस -
नन्द कुमार प्यारे वृन्दावन बिहारी कृष्ण कन्हैया का सानिध्य प्राप्त हो !!
आपको बताते हैं कि मुसलमान होते हुए भी उन्है यह परम दुर्लभ
श्री कृष्ण प्राप्ति कहाँ-कैसे एवं कब हुयी !
कोन से प्रयास के कारण प्यारे श्याम सुन्दर ने रसखानजी के ह्रदय को अपना मंदिर बना लिया !
आइये भक्तबर रसखान जी के साथ उनके आनंद का रहस्य उन्ही के शब्दों में जानें -
jaiho!! bhakt vatsal-bhakt vanchha kalpataru bhakt pran priyatam nandanandan bhagavan shri krishna kanhaiya ki ....radhe-radhe
ReplyDeletekayen vacha manasendriyanam ... i am chanting krishna ,
ReplyDeletefriends, if we get above in our heart , be sure you are in the love
radhey-radhey
in this blog you will find the love of shri vrindavan dham , the heart of bhaktas , the beauty of hindu religion , the concept of great vedanta philosophy and worship of vaishnav darshan.
ReplyDeletemy friend sweetie radhika is also writing on theses in her blogs,
i'm indicating the name of blogs on them she is writing for bhakti-bhakt-bhagavant .
sweetieradhe.blogspot.com
sweetie-harekrishna.blogspot.com
radhika-gautam.blogspot.com
ramacharit.blogspot.com
me too writing on blogger link address is-
kanhaiyaji.blogspot.com
i shall write about krishna's sweet song bhagavad geeta.
too write on krishna's lila and sweetest song of devotee shrimad bhagavat mahapuran.
and also on shrimad ram charit manas .
many other bhakti granthas as narad bhakti sutra,bhakti rasamrit sindhu,bhaktamal katha,ramayan,mahabharat etc. are appear partly in mine writing.
friends, its confirm my blog is going for true love here you will get nature,quality and feeling of true love -lord krishna's love- sound of shri krishna's flute and wishes of sweetie radhika radhe-radhe.
thank you
radhey-radhey
harekrishna!!
in devotion no drama please....devotin is rare ,very holy,mercy of god....not a joke
ReplyDeletemany people are cheating innocent people ...
they are making drama in spiituality..
they are teaching many-many morals but they have nothing for morality..
they are as demmon kalanemi...who was only for misguiding people.
at last such people tell the importancy of donation etc and robbing peoples' welth,health,time.
my suggestion never provide any donation to any one you can serve people directly
and never believe on fraud self decleard gurus etc. ..
you have your directly aproach for krishna..krishna need not any agent.
radhey-radhey
for such type foolish persons jagad guru shankaracharya advised -
'bhaj govindam - mudhamate' ! ,
very famous 'charapat-panjarika strottam'
ओ कान्हा, अब तोह मुरली की, मधुर सुना दो तान,
ReplyDeleteओ कान्हा, अब तोह मुरली की, मधुर सुना दो तान,
में हु तेरी, प्रेम दीवानी, मुझको तुम पहचान,
मधुर सुना दो तान,
ओ कान्हा, अब तोह मुरली की, मधुर सुना दो तान,
जबसे तुम संग मैंने अपने, नैना जोड़ लिए है,
क्या मैया क्या बाबुल सबसे, रिश्ते तोड़ लिए है.
तेरे मिलन को, व्याकुल है ये, कबसे मेरे प्राण.
मधुर सुना दो तान,
ओ कान्हा, अब तोह मुरली की, मधुर सुना दो तान,
सागर से भी गहरी मेरे, प्रेम की गेहेराई, लोक, लाज,
कुल की मरियादा, सज कर में तोह आयी.
मेरी प्रीती से, ओ निर्मोही, अब न बनो अनजान,
मधुर सुना दो तान,
ओ कान्हा, अब तोह मुरली की, मधुर सुना दो तान,
में हु तेरी, प्रेम दीवानी, मुझको तुम पहचान,
मधुर सुना दो तान, मधुर सुना दो तान,
मधुर सुना दो तान