kanha
radhey-radhey
Wednesday, February 2, 2011
SWEETIE RADHIKA 'RADHEY-RADHEY'
हरेराम-हरेराम राम-राम हरे-हरे !!
हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे !
हरेराम-हरेराम राम-राम हरे-हरे !!
हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे !
हरेराम-हरेराम राम-राम हरे-हरे !!
हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे !
हरेराम-हरेराम राम-राम हरे-हरे !!
हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे !
हरेराम-हरेराम राम-राम हरे-हरे !!
हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे !
हरेराम-हरेराम राम-राम हरे-हरे !!
हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे !
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Wednesday, January 19, 2011
नर कोन तोन जोन राधे-राधे नाम रटे
*श्री राधे श्याम*
मित्रो,
*श्रीजी के चरणारविन्दों में हमें सकल ब्रह्माण्ड नायक त्रिलोकी नाथ भगवान प्यारे श्याम सुन्दर की प्राप्ति होती है !
*हमारी प्रिया श्री राधिका जी सहज ही
अपनी अहैतुकी कृपा से हमें
परम दुर्लभ,नित्य-अगोचर,अपरम्पार,ब्रह्म को
मधुर नीलमणि भक्त-चित चोर
प्यारे घनश्याम यसुमति-नंदन कृष्ण-कन्हैया
श्री राधिका वल्लभ के रूप में सुलभ करा देती हैं !
अपनी अहैतुकी कृपा से हमें
परम दुर्लभ,नित्य-अगोचर,अपरम्पार,ब्रह्म को
मधुर नीलमणि भक्त-चित चोर
प्यारे घनश्याम यसुमति-नंदन कृष्ण-कन्हैया
श्री राधिका वल्लभ के रूप में सुलभ करा देती हैं !
*यही कारण है कि प्रत्येक श्रीकृष्ण भक्त की
स्वामिनी-गुरु-आधार-भक्ति-एवं प्रेमरस
प्रिया श्री ब्रषभानु नंदिनी-श्री कीरति तनया-नित्य किशोरी-
श्यामा प्यारी- श्री कृष्ण प्रिया जी श्री राधिका जी होती हैं ! *विभिन्न भक्तों ने प्रिया जी के प्रति
विभिन्न मन भावन निवेदन प्रस्तुत किये हैं -
विभिन्न मन भावन निवेदन प्रस्तुत किये हैं -
*आइये प्रेम एवं श्रृद्धा-भक्ति-भाव के साथ
श्री श्यामा-श्याम चरण-कमलों को चित्त में धारण करते हुए ,
भक्त उद्गारों का आनंद लें--
श्री श्यामा-श्याम चरण-कमलों को चित्त में धारण करते हुए ,
भक्त उद्गारों का आनंद लें--
!! राधे-राधे !!
नन्दलाला के लंगोटिया यार भक्तवर रसखान जी जिनका एक ही मनोरथ है कि उन्है (रसखानजी को)
मनुष्य-पशु-पक्षी-वृक्ष-पत्थर कोई भी योनि में जन्म मिले बस -
मनुष्य-पशु-पक्षी-वृक्ष-पत्थर कोई भी योनि में जन्म मिले बस -
नन्द कुमार प्यारे वृन्दावन बिहारी कृष्ण कन्हैया का सानिध्य प्राप्त हो !!
आपको बताते हैं कि मुसलमान होते हुए भी उन्है यह परम दुर्लभ
श्री कृष्ण प्राप्ति कहाँ-कैसे एवं कब हुयी !
कोन से प्रयास के कारण प्यारे श्याम सुन्दर ने रसखानजी के ह्रदय को अपना मंदिर बना लिया !
आइये भक्तबर रसखान जी के साथ उनके आनंद का रहस्य उन्ही के शब्दों में जानें -
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